content=keywords=think different,child specialist doctor,dr ravikant Nirankari,pediatrician,child health,newborn care tips,breastfeeding tips,newborn care,doctoraof2020,ramcharit manas,short stories,bhagwad geeta,poem " Share Market Tips for beginner Skip to main content

Share Market Tips for beginner

                         शेयर मार्केट टिप्स 2024

Share market tips for beginers

1- शेयर खरीदने या बेचने की जल्दीबाजी कभी ना करे ,जो शेयर आप खरीदने का सोच रहे है उसका कम से कम अगले एक महीने तक का पैटर्न देखे और इस टाइम में उस कंपनी की जानकारी ले,उसके बिजनेस के बारे में पढ़ें।

2-कम से कम 1 साल तक ओवर आल मार्किट को समझे उसके बाद खुद से शुरू करे,पिछले सालों के उतार चढ़ाव की क्या वजह रही उनको ध्यान में रखें।

3-शुरुआत में 8-10  स्टॉक्स सलेक्ट करे और उनको 1 साल तक ट्रेक करे। देखे की कब कहां आप एंट्री करते तो क्या हो सकता था।

4-मार्किट कभी भी एक दिशा में नही जायेगा।कभी ऊपर कभी नीचे ये ऐसे ही चलता है।इसलिए कभी घबरा कर बेचे नही और जल्दीबाजी में खरीदे नही।

5-कम से कम 2-3 बढ़िया you tube चैनल को फोलो करे।जो स्टॉक्स की डेली अपडेट देते हो,ज्यादा नही करने है नही तो कंफ्यूज हो सकते हों।

6-कम से कम 5 साल का मिनिमम टाइम लेकर ही मार्किट में एंटर करे।ज्यादा जल्दी ज्यादा कमाने के चक्कर मे ना रहे।

7-शुरुआत में म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते है।जिस भी फंड में आप इन्वेस्ट कर रहे है उसके शेयर होल्डिंग को देखे।और उसके उन शेयर्स को अलग से आप ट्रेक करे।

8-जिस शेयर में ज्यादा FI,DI और MF की होल्डिंग अच्छी है उनको खरीदा जा सकता है क्योंकि MF वाले खुद रिसर्च करके ही शेयर में इन्वेस्ट करते है।

9- किसी शेयर को खरीदते समय PE ratio और Debt की जानकारी जरूर रखे।डेट जितना कम हो उतना अच्छा,केश फ्लो जितना ज्यादा है उतना अच्छा है।

10-हर तिमाही में शेयर की होल्डिंग चेक करे।किसने होल्डिंग्स बढ़ाई किसने घटाई इसका पता रखे।

11-FOMO (fear of missing opportunity)से बचे।इस मार्किट में सबको बार बार अनेको मोके मिलते रहते है।

12-अपने पोर्टफ़ोलियो में 20-25 अच्छी कंपनियां रखें।

पैनी स्टॉक्स से शुरू में बचकर रहे तो अच्छा है,या पहले कंपनी की सब जानकारी इकट्ठा करें तभी पैनी स्टोक्स में इन्वेस्ट करें।

13-कभी भी  उधार लेकर स्टॉक्स में ना लगाये।केवल आपकी सेविंग्स का एक्स्ट्रा रुपया ही इसमें लगाए।

14-एक साथ किसी भी कंपनी के ज्यादा शेयर ना खरीदे।थोड़ा थोड़ा करके बड़ा बल्क बनाये।हर महीने थोड़ा थोड़ा खरीदे।

15-बढ़िया एप से शुरुआत करे।जैसे जिरोधा, ग्रो आदि।आजकल इन ऐप्स में 52W लो अज्ड हाई की लिस्ट रोज अपडेट होती है,उसको जरूर देखें।

16-बढ़िया शेयर कैसे चुने ।इसके लिए आप टॉप के 10 बढ़िया म्यूच्यूअल फण्ड को स्टडी करो।उनके शेयर होल्डिंग्स देखो।जिन शेयर्स में म्यूच्यूअल फण्ड वालो ने रुपया लगाया है उन पर आप भी भरोसा कर सकते हों।

17-किसी शेयर में म्यूच्यूअल फण्ड वाले अपनी होल्डिंग्स बढ़ा रहे है तिमाही डर तिमाही तो उसमें इन्वेस्ट कर सकते है।

18-जिसमे प्रोमोटर अपनी होल्डिंग्स घटा रहे है उससे बचे।

19-तिमाही रिजल्ट जरूर देखें अपनी होल्डिग्स शेयर्स का।

20-आप नए है तो F n O से बचे।

21-high valuation(हाई PE) वाले स्टॉक्स से बचे।जिस स्टोक्स का PE उसके इंडस्ट्रीज PE से ज्यादा अंतर पर ना हो उसको खरीद सकते है।

22-कम्पनी के पास केश फ्लो ज्यादा और डेट ना के बराबर होना चहिये।और कम्पनी के शेयर भी गिरवी नही होने चहिये।

23-RSI को सीखो। relative strength index 30,50,70 का लेवल का मतलब जानो।50 से ऊपर मतलब है स्टॉक बुलीश है और प्राइस बढ़ेगा,और 50 से कम का मतलब है स्टॉक बियरिष है और प्राइस घटेगा।RSI जब एक बार 70 क्रॉस करके ऊपर जाए और फिर से से गिरककर 70 पर आए तो इसका मतलब है अब प्राइस यहाँ से और गिरेगा ,और जब RSI गिरकर 30 से नीचे चले जाएं और वहां से उठकर फिर 30 को क्रॉस करके ऊपर जाने लगे तो ये बाउंस बैक कर चुका है और यहां से ऊपर जाएगा।

24-50 days moving average जब 200 DMA को तेजी से क्रॉस करके ऊपर जाए तो इसका मतलब है अब इस स्टोक्स के प्राइस ऊपर जाएगा।इसी को गोल्डन क्रॉस ओवर कहते है।जब इसका उल्टा हो यानी कि 50 DMA की वैल्यू 200 DMA से कम हो जाये तो उसको death cross over कहते है,यहां से प्राइस नीचे जायेगा।

25- आपके खरीदे हुए top gainer स्टोक्स अगर 52 wk high से 15-20% down जाए तो बेच दो।

26-Loss handle करना सीखो।प्रॉफिट बुक करना भी जरूरी है और loss कम करना सीखो।

27-Risk management करना सीखो।

28-keep learning ,हमेशा सीखते रहो।

29-देश दुनिया मे क्या हो रहा है न्यूज़ की जानकारी रखने से फायदा होता है।

30- स्टॉप लॉस लेवल की जानकारी रखो,सही से इस्तेमाल करो।

31-मिड कैप  और स्माल कैप में लंबे समय मे ज्यादा रिटर्न्स मिल सकते है लेकिन रिस्क भी ज्यादा है।लार्ज कैप में रिटर्न्स ज्यादा नही मिलेगा लेकिन रिस्क कम है।इसलिए मिलीजुली अप्रोच रखें, सब मे रिस्क देख कर इन्वेस्ट करें।

32-RSI चार्ट में डबल टॉप M बने तो अब प्राइस यहां से गिर सकता है।डबल बेस W बने तो यहां से ऊपर जायेगा।

33-10EMA लाइन से ऊपर है तो स्टॉक बुलिश है,और 10EMA से नीचे है तो बियरिष है।

34-200SMA की लाइन को 50SMA लाइन काटकर नीचे जाती दिखे तो इसका मतलब है स्टॉक प्राइस यहां से गिरेगा।

35-PCR ratio यानी पुट टु काल रेशो, बाजार आमतौर पर आम रिटेलर के अनुमान के विपरीत चलता है,यानी अगर रिटेलर ने put ज्यादा खरीद हुआ है,P/R  1 से ज्यादा है तो उस समय बाजार गिरेगा नही बल्कि चढ़ेगा।

36- शेयर के डिलीवरी वॉल्यूम ज्यादा है तो इसका मतलब है लांग टर्म में शेयर अच्छा रिटर्न्स दे सकता है।

37- कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि stock market ओपन होने के बाद 9:45am से 10-15 am के समय और 10:30am से 10:45am के आसपास ट्रेंड रिवर्सल देखने को मिल जाता है।इस समय मार्किट पर नजर रखें।

38-किसी स्टोक्स के  piotroski score से पता चल सकता है उसके फाइनेंसियल कैसे है।ये 0 से 9 तक की रेटिंग स्कोर है।इसमें 7,8और 9 स्कोर वाले स्टोक्स को अच्छा स्टोक्स माना जा सकता है।जबकि 0 से 3 वाले बहुत ही ज्यादा रिस्क वाले स्टोक्स कहे जा सकते हैं।

39-EBITDA का मतलब है earnings before interest,tax, depreciation and amortization(loan repayment).

40-किसी कंपनी में operating profit margin 10% को अच्छा समझा जाता है,लेकिन ये 20% के आसपास है तो ये बेहतरीन कहा जाता हैं।

41-Large cap  कंपनियों का बीटा वैल्यू 1 के बराबर होता है।ये बाजार के साथ कम ज्यादा होता है।यदि बीटा की वैल्यू 1 से ज्यादा है इसका मतलब है कि स्टोक्स का प्राइस ज्यादा वोलेटाइल है।और बाजार के मुकाबले ये अस्थिर है ओर ज्यादा तेजी से ऊपर या नीचे जा सकता है।

42-यदि बीटा का वैल्यू 0 से 1 के बीच में है,लेकिन 0 से कम नही है,इसका मतलब इस स्टोक्स के प्राइस बाजार से ज्यादा प्रभावित नही हैं।इनमें रिस्क कम है।

43-MACD- moving average convergence divergence. 2% plus या minus को मेजर स्विंग कहा जाता हैं।इसको बेस्ट मोमेंटम इंडिकेटर कहा जाता हैं

44-The Nifty 50 (3-30) formula is a simple rule of thumb used in stock market investing.इसके मतलब है कि पोर्टफोलियो में 30 कंपनियों के स्टॉक्स होने चाहिए और किसी एक स्टोक्स में 3% से ज्यादा अमाउंट नही लगाना चहिये।

45-AO -awesome oscillator  इसकी वेल्यू 0 से 100 तक हो सकती है।20 से कम का मतलब है oversold और 80 से ज्यादा का मतलब है overbought.

46-CCI is commodity channel indicator  जब इसकी वैल्यू 100 से ऊपर जाए तो up ट्रेंड्स दिखता है,खरीदने का इंडिकेटर है,जब ये 100 से कम हो तो sell का इंडिकेटर है।

47-5000cr के कम की कंपनी स्माल कैप,5000-20000cr वाली मीडियम कैप और 20000cr से बड़ी कंपनी लार्ज कैप कहलाती। है।

48-SWOT analysis means (strength, weaknesses, opportunity, threats) score है इनका मान 1 से 5 तक दिखाया जाता है।

49-PEG ratio- यह अगर 1 है तो कंपनी का शेयर सही दाम पर है,1 से कम है तो सस्ता है और 1 से ज्यादा है तो महंगा मिल रहा है।

50-कुछ जानकारों का कहना है कि सरकारी क्षेत्र की कंपनीयो के स्टोक्स का PE 40 से ऊपर कभी नही जाता है।इसलिए इसमें खरीदना और बेचना दोनों के वक्त इस लेवल को ध्यान रखना चाहिए।

51-MFI (money flow indicator)level अगर 20 से कम है तो इसका मतलब है स्टॉक ओवर सोल्ड है,यहां से अब ये रिबाउंड होकर ऊपर जा सकता है।

52-swing trading के लिए high volatility वाले लार्ज और मिड कैप पर इन्वेस्ट करना सही रहता है।स्माल कैप में ये ज्यादा फायदेमंद नही रहता है।

53-ATR average true range ,volatility के लिए इस्तेमाल करते है।ATR ज्यादा है तो स्टॉक ज्यादा वोलेटाइल होगा।

54-ADX average direction index- इसका लेवल 25 से ज्यादा का मतलब है ट्रेंडस स्ट्रांग है और 20 के कम पर ट्रेंड्स वीक है।

55-ROC price rate of change (मोमेंटम),इससे प्राइस रिवर्सल ट्रेंड का पता चलता है। 0 से ज्यादा का मतलब है प्राइस ऊपर जाएगा,0 से नीचे का मतलब है कम होगा।0 के पास है तो रेट कंसोलिडेशन में है।

56-Momentum oscillator 100 से कम का मतलब है प्राइस नीचे जा रहा है।100 से ऊपर का मतलब है प्राइस ऊपर जाएगा।

                         शेयर मार्केट टिप्स 2024

Share market tips for beginers


1- शेयर खरीदने या बेचने की जल्दीबाजी कभी ना करे ,जो शेयर आप खरीदने का सोच रहे है उसका कम से कम अगले एक महीने तक का पैटर्न देखे और इस टाइम में उस कंपनी की जानकारी ले,उसके बिजनेस के बारे में पढ़ें।

2-कम से कम 1 साल तक ओवर आल मार्किट को समझे उसके बाद खुद से शुरू करे,पिछले सालों के उतार चढ़ाव की क्या वजह रही उनको ध्यान में रखें।

3-शुरुआत में 8-10  स्टॉक्स सलेक्ट करे और उनको 1 साल तक ट्रेक करे। देखे की कब कहां आप एंट्री करते तो क्या हो सकता था।

4-मार्किट कभी भी एक दिशा में नही जायेगा।कभी ऊपर कभी नीचे ये ऐसे ही चलता है।इसलिए कभी घबरा कर बेचे नही और जल्दीबाजी में खरीदे नही।

5-कम से कम 2-3 बढ़िया you tube चैनल को फोलो करे।जो स्टॉक्स की डेली अपडेट देते हो,ज्यादा नही करने है नही तो कंफ्यूज हो सकते हों।

6-कम से कम 5 साल का मिनिमम टाइम लेकर ही मार्किट में एंटर करे।ज्यादा जल्दी ज्यादा कमाने के चक्कर मे ना रहे।

7-शुरुआत में म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते है।जिस भी फंड में आप इन्वेस्ट कर रहे है उसके शेयर होल्डिंग को देखे।और उसके उन शेयर्स को अलग से आप ट्रेक करे।

8-जिस शेयर में ज्यादा FI,DI और MF की होल्डिंग अच्छी है उनको खरीदा जा सकता है क्योंकि MF वाले खुद रिसर्च करके ही शेयर में इन्वेस्ट करते है।

9- किसी शेयर को खरीदते समय PE ratio और Debt की जानकारी जरूर रखे।डेट जितना कम हो उतना अच्छा,केश फ्लो जितना ज्यादा है उतना अच्छा है।

10-हर तिमाही में शेयर की होल्डिंग चेक करे।किसने होल्डिंग्स बढ़ाई किसने घटाई इसका पता रखे।

11-FOMO (fear of missing opportunity)से बचे।इस मार्किट में सबको बार बार अनेको मोके मिलते रहते है।

12-अपने पोर्टफ़ोलियो में 20-25 अच्छी कंपनियां रखें।

पैनी स्टॉक्स से शुरू में बचकर रहे तो अच्छा है,या पहले कंपनी की सब जानकारी इकट्ठा करें तभी पैनी स्टोक्स में इन्वेस्ट करें।

13-कभी भी  उधार लेकर स्टॉक्स में ना लगाये।केवल आपकी सेविंग्स का एक्स्ट्रा रुपया ही इसमें लगाए।

14-एक साथ किसी भी कंपनी के ज्यादा शेयर ना खरीदे।थोड़ा थोड़ा करके बड़ा बल्क बनाये।हर महीने थोड़ा थोड़ा खरीदे।

15-बढ़िया एप से शुरुआत करे।जैसे जिरोधा, ग्रो आदि।आजकल इन ऐप्स में 52W लो अज्ड हाई की लिस्ट रोज अपडेट होती है,उसको जरूर देखें।

16-बढ़िया शेयर कैसे चुने ।इसके लिए आप टॉप के 10 बढ़िया म्यूच्यूअल फण्ड को स्टडी करो।उनके शेयर होल्डिंग्स देखो।जिन शेयर्स में म्यूच्यूअल फण्ड वालो ने रुपया लगाया है उन पर आप भी भरोसा कर सकते हों।

17-किसी शेयर में म्यूच्यूअल फण्ड वाले अपनी होल्डिंग्स बढ़ा रहे है तिमाही डर तिमाही तो उसमें इन्वेस्ट कर सकते है।

18-जिसमे प्रोमोटर अपनी होल्डिंग्स घटा रहे है उससे बचे।

19-तिमाही रिजल्ट जरूर देखें अपनी होल्डिग्स शेयर्स का।

20-आप नए है तो F n O से बचे।

21-high valuation(हाई PE) वाले स्टॉक्स से बचे।जिस स्टोक्स का PE उसके इंडस्ट्रीज PE से ज्यादा अंतर पर ना हो उसको खरीद सकते है।

22-कम्पनी के पास केश फ्लो ज्यादा और डेट ना के बराबर होना चहिये।और कम्पनी के शेयर भी गिरवी नही होने चहिये।

23-RSI को सीखो। relative strength index 30,50,70 का लेवल का मतलब जानो।50 से ऊपर मतलब है स्टॉक बुलीश है और प्राइस बढ़ेगा,और 50 से कम का मतलब है स्टॉक बियरिष है और प्राइस घटेगा।RSI जब एक बार 70 क्रॉस करके ऊपर जाए और फिर से से गिरककर 70 पर आए तो इसका मतलब है अब प्राइस यहाँ से और गिरेगा ,और जब RSI गिरकर 30 से नीचे चले जाएं और वहां से उठकर फिर 30 को क्रॉस करके ऊपर जाने लगे तो ये बाउंस बैक कर चुका है और यहां से ऊपर जाएगा।

24-50 days moving average जब 200 DMA को तेजी से क्रॉस करके ऊपर जाए तो इसका मतलब है अब इस स्टोक्स के प्राइस ऊपर जाएगा।इसी को गोल्डन क्रॉस ओवर कहते है।जब इसका उल्टा हो यानी कि 50 DMA की वैल्यू 200 DMA से कम हो जाये तो उसको death cross over कहते है,यहां से प्राइस नीचे जायेगा।

25- आपके खरीदे हुए top gainer स्टोक्स अगर 52 wk high से 15-20% down जाए तो बेच दो।

26-Loss handle करना सीखो।प्रॉफिट बुक करना भी जरूरी है और loss कम करना सीखो।

27-Risk management करना सीखो।

28-keep learning ,हमेशा सीखते रहो।

29-देश दुनिया मे क्या हो रहा है न्यूज़ की जानकारी रखने से फायदा होता है।

30- स्टॉप लॉस लेवल की जानकारी रखो,सही से इस्तेमाल करो।

31-मिड कैप  और स्माल कैप में लंबे समय मे ज्यादा रिटर्न्स मिल सकते है लेकिन रिस्क भी ज्यादा है।लार्ज कैप में रिटर्न्स ज्यादा नही मिलेगा लेकिन रिस्क कम है।इसलिए मिलीजुली अप्रोच रखें, सब मे रिस्क देख कर इन्वेस्ट करें।

32-RSI चार्ट में डबल टॉप M बने तो अब प्राइस यहां से गिर सकता है।डबल बेस W बने तो यहां से ऊपर जायेगा।

33-10EMA लाइन से ऊपर है तो स्टॉक बुलिश है,और 10EMA से नीचे है तो बियरिष है।

34-200SMA की लाइन को 50SMA लाइन काटकर नीचे जाती दिखे तो इसका मतलब है स्टॉक प्राइस यहां से गिरेगा।

35-PCR ratio यानी पुट टु काल रेशो, बाजार आमतौर पर आम रिटेलर के अनुमान के विपरीत चलता है,यानी अगर रिटेलर ने put ज्यादा खरीद हुआ है,P/R  1 से ज्यादा है तो उस समय बाजार गिरेगा नही बल्कि चढ़ेगा।

36- शेयर के डिलीवरी वॉल्यूम ज्यादा है तो इसका मतलब है लांग टर्म में शेयर अच्छा रिटर्न्स दे सकता है।

37- कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि stock market ओपन होने के बाद 9:45am से 10-15 am के समय और 10:30am से 10:45am के आसपास ट्रेंड रिवर्सल देखने को मिल जाता है।इस समय मार्किट पर नजर रखें।

38-किसी स्टोक्स के  piotroski score से पता चल सकता है उसके फाइनेंसियल कैसे है।ये 0 से 9 तक की रेटिंग स्कोर है।इसमें 7,8और 9 स्कोर वाले स्टोक्स को अच्छा स्टोक्स माना जा सकता है।जबकि 0 से 3 वाले बहुत ही ज्यादा रिस्क वाले स्टोक्स कहे जा सकते हैं।

39-EBITDA का मतलब है earnings before interest,tax, depreciation and amortization(loan repayment).

40-किसी कंपनी में operating profit margin 10% को अच्छा समझा जाता है,लेकिन ये 20% के आसपास है तो ये बेहतरीन कहा जाता हैं।

41-Large cap  कंपनियों का बीटा वैल्यू 1 के बराबर होता है।ये बाजार के साथ कम ज्यादा होता है।यदि बीटा की वैल्यू 1 से ज्यादा है इसका मतलब है कि स्टोक्स का प्राइस ज्यादा वोलेटाइल है।और बाजार के मुकाबले ये अस्थिर है ओर ज्यादा तेजी से ऊपर या नीचे जा सकता है।

42-यदि बीटा का वैल्यू 0 से 1 के बीच में है,लेकिन 0 से कम नही है,इसका मतलब इस स्टोक्स के प्राइस बाजार से ज्यादा प्रभावित नही हैं।इनमें रिस्क कम है।

43-MACD- moving average convergence divergence. 2% plus या minus को मेजर स्विंग कहा जाता हैं।इसको बेस्ट मोमेंटम इंडिकेटर कहा जाता हैं

44-The Nifty 50 (3-30) formula is a simple rule of thumb used in stock market investing.इसके मतलब है कि पोर्टफोलियो में 30 कंपनियों के स्टॉक्स होने चाहिए और किसी एक स्टोक्स में 3% से ज्यादा अमाउंट नही लगाना चहिये।

45-AO -awesome oscillator  इसकी वेल्यू 0 से 100 तक हो सकती है।20 से कम का मतलब है oversold और 80 से ज्यादा का मतलब है overbought.

46-CCI is commodity channel indicator  जब इसकी वैल्यू 100 से ऊपर जाए तो up ट्रेंड्स दिखता है,खरीदने का इंडिकेटर है,जब ये 100 से कम हो तो sell का इंडिकेटर है।

47-5000cr के कम की कंपनी स्माल कैप,5000-20000cr वाली मीडियम कैप और 20000cr से बड़ी कंपनी लार्ज कैप कहलाती। है।

48-SWOT analysis means (strength, weaknesses, opportunity, threats) score है इनका मान 1 से 5 तक दिखाया जाता है।

49-PEG ratio- यह अगर 1 है तो कंपनी का शेयर सही दाम पर है,1 से कम है तो सस्ता है और 1 से ज्यादा है तो महंगा मिल रहा है।

50-कुछ जानकारों का कहना है कि सरकारी क्षेत्र की कंपनीयो के स्टोक्स का PE 40 से ऊपर कभी नही जाता है।इसलिए इसमें खरीदना और बेचना दोनों के वक्त इस लेवल को ध्यान रखना चाहिए।

51-MFI (money flow indicator)level अगर 20 से कम है तो इसका मतलब है स्टॉक ओवर सोल्ड है,यहां से अब ये रिबाउंड होकर ऊपर जा सकता है।

52-swing trading के लिए high volatility वाले लार्ज और मिड कैप पर इन्वेस्ट करना सही रहता है।स्माल कैप में ये ज्यादा फायदेमंद नही रहता है।

53-ATR average true range ,volatility के लिए इस्तेमाल करते है।ATR ज्यादा है तो स्टॉक ज्यादा वोलेटाइल होगा।

54-ADX average direction index- इसका लेवल 25 से ज्यादा का मतलब है ट्रेंडस स्ट्रांग है और 20 के कम पर ट्रेंड्स वीक है।

55-ROC price rate of change (मोमेंटम),इससे प्राइस रिवर्सल ट्रेंड का पता चलता है। 0 से ज्यादा का मतलब है प्राइस ऊपर जाएगा,0 से नीचे का मतलब है कम होगा।0 के पास है तो रेट कंसोलिडेशन में है।

56-Momentum oscillator 100 से कम का मतलब है प्राइस नीचे जा रहा है।100 से ऊपर का मतलब है प्राइस ऊपर जाएगा।

57-stochastic RSI में 20 और 80 के लेवल देखने चहिये।जब ये नीचे से उठकर 20 के ऊपर जाए तो खरीदने का सिग्नल है।जब ऊपर से गिरकर 80 से नीचे जाने लगे तो बेचने का सिग्लन है।

58-क्रूड आयल या डॉलर के रेट बढ़ते है तो इंडियन स्टोक्स मार्केट में डाउन फॉल आता है।

59-जब कोई स्टोक्स अपने बोलिंगर बेंड मंथली फ्रेम के हाई को ब्रेक करता है तो ज्यादा चांस होते है कि अगले 3-4 महीने वो हाई पर ही ट्रेंड करेगा।

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