#समझदारी और #परिपक्वता
अक्ल,समझ,परिपक्वता, बुद्धिमत्ता या #होशियारी ये सब क्या है?सभी लोगो के लिए इनकी कोई एक #परिभाषा शायद सँभव नही है।व्यक्ति के जीवनकाल में उसकी परिस्थितियों और वक्त के हिसाब से इसकी परिभाषा सबके लिए अलग-अलग ही होगी।इसलिये इस पैमाने पर किसी की तुलना करना शायद सही नही है।जिसे आप कुछ मामलों में #अक्लमंद या #बुद्धिमान समझ रहे है वही बुद्धिमान व्यक्ति अपने से अधिक #समझ वाले के लिए अवश्य अल्पज्ञ भी है।और ये विषय बदलने के साथ ही इसका स्तर भी कम ज्यादा हो सकता हैं।जैसा कि किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि किसी एक विषय का प्रोफ़ेसर दूसरे विषय में मूर्ख भी तो होता है।
किसी एक ही पैमाने पर सबको तौलना हंमे गलत निष्कर्ष पर पहुंचा सकता है।कई बार हम नैतिकता को भी #परिपक्वता के अंदर ही समाहित कर लेते है,कई बार किसी की #बेईमानी को हम उसकी अक्ल या होशियारी कह देते है।बच्चे, किशोर,युवा,और बुजुर्ग सबके लिए ये निश्चित ही अलग अलग है।
लेकिन जहां तक परिपक्वता की बात है तो हम युवा या मध्य आयुवर्ग को ध्यान में रखते हुए कुछ बिंदुओं पर विचार कर सकते है।जिनमे मुझे जो सबसे ज्यादा पर प्रभावी लगता है वो ये है कि जब #व्यक्ति अपनी सोच और #शब्दों पर पूर्ण नियंत्रण करना सिख जाता है तो वो लगभग परिपक्व हो जाता है।जब व्यक्ति को ये पता होता है कि उसके कार्य,व्यवहार और उसके कहे गए शब्द सामने वाले व्यक्ति के दिमाग मे क्या प्रतिक्रिया पैदा करेंगे तो वो व्यवहार कुशल परिपक्वता की और बढ़ गया होता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो जब व्यक्ति अपने बातचीत और व्यवहार से दूसरों के दिमाग को उसके लिए सकारात्मक तरीके के प्रभावित करना सीख जाता है तो वो होशियार हो जाता है।
एक और बात ये है कि जब व्यक्ति अपने #मस्तिष्क में #विचारों के चयन और दुसरो के व्यवहार के बाद अपनी प्रतिक्रिया को #नियंत्रित करना सीख जाता है तो वो बुद्धिमान हो जाता है।ये सब सामाजिक व्यवहार में एक सफल व्यक्ति हो सकते है।
इसके अतिरिक्त आर्थिके पक्ष भी अहम हो जाता है।व्यक्ति की आर्थिक हैसियत भी उसके व्यक्तित्व को काफी प्रभावित करती है।
Mind Waves
@followers
#समझदारी
#परिपक्वता
#अक्लमंद
#बुद्धिमान
#wiseman
#whoiswho
#सोच
#शब्द
#अक्ल
#बेईमानी
#होशियारी
Comments
Post a Comment
pls do not enter any spam link in the comment box