content=keywords=think different,child specialist doctor,dr ravikant Nirankari,pediatrician,child health,newborn care tips,breastfeeding tips,newborn care,doctoraof2020,ramcharit manas,short stories,bhagwad geeta,poem " रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाइयां/ संकलन -अयोध्याकांड Skip to main content

रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाइयां/ संकलन -अयोध्याकांड

 रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाइयां/दोहा/सोरठा/छंद/ एवम एक लाइन की उक्तियों का संकलन।  भाग-2

सभी पाठकों को सप्रेम और सम्मान सहित एक लघु भेंट।

(पाठकों की सुविधा के लिए दोहा क्रम नंबर साथ मे दिया गया है।जिसके द्वारा पाठक मुख्य पुस्तक से उस प्रसंग की सम्पूर्ण चौपाइयां या दोहे खोज सकते है।)

          

रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाइयां संकलन अयोध्याकांड


                    भाग-2

              ।।अयोध्याकांड।।


दोहा-2 क्रमशः

जे गुर चरन रेनु सिर धरहिं।ते जनु सकल बिभव बस करहिं।।

मोहि सम यहु अनुभअउ न दूजे।सबु पायउँ रज पावनि पूजें।।


दोहा -24 क्रमशः

सुरपति बसइ बाहं बल जाकें।नरपति सकल रहहिं रुख ताके।


सो सुनि तिय रिस गयउ सुखाई।देखहु काम प्रताप बड़ाई।।


दोहा-27 क्रमशः

रघुकुल रीति सदा चलि आई।प्रान जाहूं बरु बचनु न जाई।।

दोहा-46 क्रमशः

सत्य कहहिं कबि नारि सुभाऊ।सब बिधि अगहु अगाध दुराऊ।।

निज प्रतिबिंबु बरकु गहि जाई। जानि न जाई नारि गति भाई।।


दोहा-54 क्रमशः

तात जाऊं बलि कीन्हेहु निका।

पितु आयुस सब धरमक टिका।।

दोहा-60 क्रमशः

एहि ते अधिक धरम नही दूजा।

सादर सासु ससुर पद पूजा।।

दोहा-64 क्रमशः

जहँ लगि नाथ नेह अरु नाते।पिय बिनु तियही तरनिहु ते ताते।।


जिय बिनु देह नदी बिनु बारी।तैसिअ नाथ पुरुष बिनु नारी।।


दोहा-91 क्रमशः

जोग बियोग भोग भल मन्दा।हित अनहित मध्यम भृम फंदा।

जनमु मरनु जहँ लगि जग जालू।संपति बिपति करमु अरु कालु।।


धरनि धामु धनु पुर परिवारु।सरगु नरकु जहँ लगि ब्यवहारू।

देखिअ सुनिअ गुनिअ मन माहि।मोह मूल परमारथु नाहीं।।


दोहा-92 क्रमशः

राम ब्रह्म परमारथ रूपा।अबिगत अलख अनादि अनूपा।।

सकल बिकार रहित गतभेदा।कहि नित नेति निरूपहिं बेदा।।


दोहा-97 क्रमशः

सुखनिधान अस पितु गृह मोरें।पिय बिहीन मन भाव न भोरें।


दोहा-99क्रमशः

मागि नाव न केवटु आना।कहई तुम्हार मरमु मैं जाना।।

चरन कमल रज कहुँ सबु कहई।मानुष करनि मुरि कछु अहई।।

छुअत सिला भई नारि सुहाई।पाहन तें न काठ कठिनाई।।

तरनीउ मुनि घरिनी होई जाई।बाट परइ मोरि नाव उड़ाई।।


दोहा-100क्रमशः

जासु नाम सुमिरत एक बारा।उतरहिं नर भवसिंधु अपारा।

सोई कृपाल केवटहिं निहोरा।जेहिं जगु किय तिहु पगहु ते थोरा।।


दोहा-101क्रमशः

पिय हिय की सिय जाननहारी ।मनि मुदरी मन मुदित उतारी।।

कहेउ कृपाल लेहि उतराई।केवट चरन गहे अकुलाई।।

दोहा-107

करम बचन मन छाड़ि छलु जब लगि जनु न तुम्हार ।

तब लगि सुखु सपनेहुँ नहीँ किएं कोटि उपचार।।


(महृषि बाल्मीकि जी श्री राम जी से कहतें है 126 क्रमशः)

दोहा-126 क्रमशः

सोई जानइ जेहि देहु जनाई।जानत तुम्हहि तुम्हइ होइ जाई।।

तुम्हरिहि कृपाँ तुम्हहिं रघुनन्दन।जानहि भगत भगत उर चंदन।।

दोहा-129 क्रमशः

काम कोह मद मान न मोहा।लोभ न छोभ न राग न द्रोहा।।

जिन्ह कें कपट दंभ नहिं माया।तिन्ह कें ह्र्दय बसहु रघुराया।।


सब के प्रिय सब के हितकारी।दुख सुख सरिस प्रशंशाआ गारि।।

कहहिं सत्य प्रिय बचन बिचारि।जागत सोवत सरन तुम्हारि।।


जननी सम जानहिं परनारी। धनु पराव बिष तें बिष भारी।।


जें हरषहिं पर संपति देखी।दुखित होहिं पर बिपति बिसेषि।

जिन्हहि राम तुम्ह प्रानपिआरे।तिन्ह के मन सुभ सदन तुम्हारे।।

दोहा-130क्रमशः

जाति पांति धनु धरमु बड़ाई।प्रिय परिवार सदन सुखदाई।।

सब तजि तुम्हहि रहई उर लाई।तेहि के ह्रदय रहहु रघुराई।।

दोहा-134 क्रमशः

हम सब धन्य सहित परिवारा।दीख दरसु भरि नयन तुम्हारा।।

दोहा-139 क्रमशः

परनकुटी प्रिय प्रियतम संगा।

दोहा-141

सुख हरषहिं जड़ दुख बिलखाहीं।दोउ सम धीर धरहिं मन माहीं।।

दोहा-150

राम सखाँ तब नाव मंगाई।प्रिया चढ़ाइ चढ़े रघुराई।।

लखन बान धनु धरे बनाई।आपु चढ़े प्रभु आयसु पाई।।


दोहा-159 क्रमशः

कहब संदेसु भरत के आऐं।नीति न तजिअ राजपदु पाएं।।

दोहा-171

सुनहु भरत भावी प्रबल। बिलखि कहेउ मुनिनाथ।।

हानि लाभु जीवनु मरनु जसु अपजसु बिधि हाथ।।

दोहा-176 क्रमशः

गुर पितु मातु स्वामि हित बानी।सुनि मन मुदित करिअ भलि जानी।।

उचित की अनुचित किएं बिचारु।धरमु जाइ सिर पातक भारू।।


दोहा-178

कहउँ सांचु सब सुनि पतिआहु।चहिअ धरमसील नरनाहू।।

दोहा-193 क्रमशः

लोक बेद सब भाँतिहि नीचा।जासु छाहँ छुइ लेइअ सींचा।

तेहि भरि अंक राम लघु भ्राता।मिलत पुलक परिपूरित गाता।।

दोहा-194

स्वपच सबर खस जमन जड़ पाँवर कोल किरात।

रामु कहत पावन परम् होत भुवन बिख्यात।।

दोहा-202 क्रमशः

सिर भर जाऊं उचित अस मोरा।सब तें सेवक धरमु कठोरा।।


दोहा-204

अरथ न धरम न काम रुचि गति न चहउँ निरबान।

जनम जनम रति राम पद यह बरदानु न आन।।

दोहा-218

जद्यपी सम नहिं राग न रोषू।गहहिं न पाप पुनु गुन दोषू।।

करम प्रधान बिस्व करि राखा।जो जस करइ सो तस फल चाखा।।

दोहा 230 क्रमशः

कही तात तुमनीति सुहाई।सब तें कठिन राज मदु भाई।।

दोहा-263क्रमशः

तात कुतरक करहुं जनि जाएं।बैर पेम नहिं दुरई दुराएँ।।

दोहा-268 क्रमशः

सेवक हित साहिब सेवकाई।करै सकल सुख लोभ बिहाई।।

दोहा-276क्रमशहः

बिषई साधक सिद्ध सयाने।त्रिबिध जीव जग बेद बखाने।।

राम सनेह सरस मन जासु।साधु सभाँ बड़ आदर तासु।।

दोहा-294 क्रमशः

आगम निगम प्रसिद्ध पुराना।सेवाधरमु कठिन जगु जाना।।

दोहा-297क्रमशः

समरथ सरनागत हितकारी।गुनगाहक अवगुन अघ हारी।।

स्वामि गोसाइहि सरिस गोसाई। मोहि समान मैं साईं दोहाई।।

दोहा-300क्रमशः

अग्या सम न सुसाहिब सेवा।सो प्रसादु जन पावै देवा।।




(पेज यहां तक पढ़ने के लिए आपका आभार,इस पेज पर प्रतिदिन नये दोहे और चौपाइयां लिखी जाएगी।इसके आगे पढ़ने के लिए कल फिर से पेज खोले।धन्यवाद।)

बाल कांड की प्रसिद्ध चौपाइयां का संकलन पढ़ने के लिये इस लिंक पर क्लिक करे।

रामचरित मानस प्रसिद्ध चौपाइयां-बालकांड-भाग 1

Page Key words

रामचरित मानस 

चौपाइयां,बालकांड,अयोध्याकांड,तुलसीदास, मानस, रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाइयां (संकलन),

Baalkand hindi mei,ayodhyakand,

Balkand, ayodhyakand

Tulasidas,

manas doha chopai


Comments

Popular posts from this blog

AIR TRAVEL WITH INFANT

AIR TRAVEL WITH INFANT HOW TO HAVE A HAPPY AIR TRAVEL WITH INFANT; tips by -Dr. R.K.Nirankari   Air travel with  infant for the  first time always make new parents worried. T hey ask many questions and many things come in their mind. The same had happened with us when we had air travel with infant for the first time, with our daughter Kiara. My wife dr Ranju had asked me a lot of questions at that time a nd somewhat I was also worried before my first flight with a baby.  Today again  my friends, dr Anchala and dr Ashutosh asked me how should they prepare for their first flight with their 4-month-old baby. so  I m writing this article for the help of all such parents who need guidance on their first flight with baby/infants. The first thing that comes into mind is whether is it safe to do air travel with an infant or not ? Which seat should be preferred with infants?  What should we feed the infants before and during the flight? ...

Child specialist doctor in Saharanpur, Dr. Ravikant Nirankari M.D. pediatrician

Child specialist doctor in Saharanpur,  Dr. Ravikant Nirankari M.D. pediatrician Child specialist doctor in Saharanpur,  Dr. Ravikant Nirankari M.D. pediatrician डॉ रविकांत निरंकारी MBBS MD (pediatrics) बाल रोग विशेषज्ञ है।साथ मे एक समाज सेवी भी है।डॉ रविकान्त निरंकारी अनेको शहरों में अपनी सेवा दे चुके है। गोरखपुर,बरेली,प्रयागराज,नई दिल्ली,सहारनपुर आदि में रहे है। और प्रयागराज के सरोजिनी नायडू चिल्ड्रेन हिस्पिटल से MD की डिग्री पूरी की जो कि KGMU लखनऊ से सम्बद्ध है। दिल्ली के चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय,गुरु तेग बहादुर अस्पताल, और हिंदुस्तान में बच्चों के सबसे बडे सरकारी अस्पताल कलावती सरन चिल्ड्रन हॉस्पिटल लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली में बाल रोग विभाग में काम किया। इसके बाद सहारनपुर में मेडिकल कॉलेज में मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाया और कॉलेज में बाल रोग विभाग को चलाने में विशेष सहयोग दिया। 2014 में इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक् (IAP) के secretary के post पर योगदान किया। सहारनपुर में प्रतिदिन गरीब मरीजो को निशुल्क परामर्श देते है। क्लिनिक का एड्र...

मकर संक्रांति 2023 शुभकामना सन्देश

              मकर संक्रांति 2023 शुभकामना सन्देश 1-भास्करस्य यथा तेजो मकरस्थस्य वर्धते । तथैव भवतां तेजो वर्धतामिति कामये ॥ वाताटः वायुरज्जुभ्याम् आकाशं प्रति गच्छति। जीवात्मा गुरुवृत्तिभ्याम् ऊर्ध्वं गच्छत्यसंशयम्॥ तिलवत्स्नेहमादस्व गुडवन्मधुरं वद। जैसे मकरराशी में सूर्य का तेज बढता है, उसी तरह आपके स्वास्थ्य और समृद्धि की हम कामना करते हैं। जिस प्रकार एक पतंग हवा और रस्सी के सहारे आकाश में जाती है, उसी प्रकार गुरु और आचरण के द्वारा आत्मा भी अवश्य ही ऊपर उठती है। जैसे तिल में तेल भरा हुआ है वैसे अपने आप को प्रेम से भर कर, गुड़ की तरह मीठा बोलें। शुभ मकर संक्रांति  14/15 जनवरी -2023 2- साल भर मोबाइल चलाकर झुकी हुई गर्दन को सीधा करके पतंग उड़ाने का अवसर देने वाले त्यौहार  मकर संक्रांति की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. 💐 3-This year Makar Sankranti is on Sunday ,the 15th of January. Why is it not on the 14th? What has changed the date or pushed it forward to the next day?  We need to know a minor time calculation process to understand why it...