content=keywords=think different,child specialist doctor,dr ravikant Nirankari,pediatrician,child health,newborn care tips,breastfeeding tips,newborn care,doctoraof2020,ramcharit manas,short stories,bhagwad geeta,poem " Think different Skip to main content

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Happy womens day maam

 "हैपी वीमेंस डे मैम",सभी ने प्रेरणा #मैडम के कमरे में आकर एक साथ बोला... "ये आपके लिए छोटा सा गिफ्ट मैम," ओह, थैंक्यू थेँक्यू, लेकिन गिफ्ट की क्या जरूरत थी आप लोग ऐसे ही विश कर देते। "वो #मैम आज #इंटरनेशनल वीमेंस डे है ना,इसलिए आपके लिये डिपार्टमेंट के सभी लोगो ने प्लान किया था।आप हमारे #आफिस की हैड है,और एक कामयाब महिला है इसलिए आज तो सेलिब्रेशन बनता ही है।" डिपार्टमेंट में सबसे जूनियर स्टाफ ने बड़े उत्साह से कही ये बात.... "ओह तो आप लोग मेरी सक्सेस को आज वीमेंस डे पर मुझे गिफ्ट देकर सेलिब्रेट करना चाहते है।" "जी मैडम जी।" "अच्छा चलो ये बताओ कि अगर यहां इस आफिस में मेरी जगह कोई आदमी इस हैड की कुर्सी पर होता तो तुम लोग क्या करते?" "मैडम इतना तो नही सोचा लेकिन आप ये क्यों पूछ रहे है।" थोड़ा सकपका कर रजत बाबू ने पूछा। "बस यूँही, देख रही हूं कि तुम लोग वाकई में महिलाओं की सफलता से खुश हो या बस फॉरमैलिटी के लिए मुझे विश करने चले आये और या फिर डिपार्टमेंट के कामो में मुझसे इस गिफ्ट के बदले कुछ फायदे की उम्मीद में आये ...

समझदार कौन है?

 #समझदारी और #परिपक्वता अक्ल,समझ,परिपक्वता, बुद्धिमत्ता या #होशियारी ये सब क्या है?सभी लोगो के लिए इनकी कोई एक #परिभाषा शायद सँभव नही है।व्यक्ति के जीवनकाल में उसकी परिस्थितियों और वक्त के हिसाब से इसकी परिभाषा सबके लिए अलग-अलग ही होगी।इसलिये इस पैमाने पर किसी की तुलना करना शायद सही नही है।जिसे आप कुछ मामलों में #अक्लमंद  या #बुद्धिमान समझ रहे है वही बुद्धिमान व्यक्ति अपने से अधिक #समझ  वाले के लिए अवश्य अल्पज्ञ भी है।और ये विषय बदलने के साथ ही इसका स्तर भी कम ज्यादा हो सकता हैं।जैसा कि किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि किसी एक विषय का प्रोफ़ेसर दूसरे विषय में मूर्ख भी तो होता है। किसी एक ही पैमाने पर सबको तौलना हंमे गलत निष्कर्ष पर पहुंचा सकता है।कई बार हम नैतिकता को भी #परिपक्वता के अंदर ही समाहित कर लेते है,कई बार किसी की #बेईमानी को हम उसकी अक्ल या होशियारी कह देते है।बच्चे, किशोर,युवा,और बुजुर्ग सबके लिए ये निश्चित ही अलग अलग है। लेकिन जहां तक परिपक्वता की बात है तो हम युवा या मध्य आयुवर्ग को ध्यान में रखते हुए कुछ बिंदुओं पर विचार कर सकते है।जिनमे मुझे जो सबसे ज्यादा पर...

Share Market Tips for beginner

                         शेयर मार्केट टिप्स 2024 1- शेयर खरीदने या बेचने की जल्दीबाजी कभी ना करे ,जो शेयर आप खरीदने का सोच रहे है उसका कम से कम अगले एक महीने तक का पैटर्न देखे और इस टाइम में उस कंपनी की जानकारी ले,उसके बिजनेस के बारे में पढ़ें। 2-कम से कम 1 साल तक ओवर आल मार्किट को समझे उसके बाद खुद से शुरू करे,पिछले सालों के उतार चढ़ाव की क्या वजह रही उनको ध्यान में रखें। 3-शुरुआत में 8-10  स्टॉक्स सलेक्ट करे और उनको 1 साल तक ट्रेक करे। देखे की कब कहां आप एंट्री करते तो क्या हो सकता था। 4-मार्किट कभी भी एक दिशा में नही जायेगा।कभी ऊपर कभी नीचे ये ऐसे ही चलता है।इसलिए कभी घबरा कर बेचे नही और जल्दीबाजी में खरीदे नही। 5-कम से कम 2-3 बढ़िया you tube चैनल को फोलो करे।जो स्टॉक्स की डेली अपडेट देते हो,ज्यादा नही करने है नही तो कंफ्यूज हो सकते हों। 6-कम से कम 5 साल का मिनिमम टाइम लेकर ही मार्किट में एंटर करे।ज्यादा जल्दी ज्यादा कमाने के चक्कर मे ना रहे। 7-शुरुआत में म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते है।जिस भी फंड में आप इन्व...

गलतियां

  #जीवन मे #गलतियां दोहराने का मतलब... हम सबके जीवन मे कुछ ना कुछ ऐसा जरूर हुआ होता है जब हम सोचते है कि काश,ये गलती उस समय ना कि होती तो क्या ही बात होती। कुछ लोग अपनी गलतियों को याद रखते है और उनसे सबक लेते है और भविष्य में उनको दोहराने से बचते है।जबकि बहुत से लोग एक ही तरह की गलतियों को जीवन भर करते रहते है। बचपन मे स्कूल की किताबो में कई बार किसी राजा-महाराजा के जीवन चरित्र को पढ़ते वक्त एक लाइन अक्सर ही पढ़ने को मिल जाती थी कि" वह बड़ा महत्वाकांक्षी था,हमेशा अपनी गलतियों से सीखता था" यकीन मानिए स्कूल के दिनों में इस लाइन का मतलब कभी सही से समझ नही आया था।और मैं सोचता था कि सीखना है तो कामयाबी से सीखो,की कामयाबी कैसे मिली,गलतियों से क्या सीखना? लेकिन जीवन मे कुुुछ समय आगे बढ़ने पर समझ आया कि गलतियों से सीखने का मतलब यही है कि एक गलती को दुबारा ना किया जाए।ताकि बार बार नुकसान से बचा जा सके। लेकिन कुछ लोग कुछ गलतियां बार बार करते है,बार-बार एक ही तरह की परेशानी में उलझते है ।ये लोग कोई नया तरीका नही अपनाते है, जानबूझकर वही गलतिया करते है जो पहले से करते आ रहे थे।ऐसा क्य...

Tulsidas

तुलसीदास जी ने अपनी कालजयी रचना रामचरित मानस में उस समय का सुंदर चित्रण किया है। उनकी इस चोपाई में जाति व्यवस्था का विरोध साफ दिखता है।ये अयोध्याकांड की चोपाई है जिसमे लिखा है। जाति पांति धनु धरमु बड़ाई। प्रिय परिवार सदन सुखदाई।। सब तजि तुम्हहि रहई उर लाई।ते हि के ह्रदय रहहु रघुराई।। * रामचरितमानस * जो व्यक्ति जाति पांति,धन,और धरम की बड़ाई,परिवार(कुल,खानदान का अभिमान),बड़े घर आदि सबके मान का त्याग करके केवल प्रभु को अपने ह्रदय से लगा कर रखता हो। उसके ह्रदय में प्रभु श्री राम स्वयम विराजमान होते है। इस चोपाई में जाति -पांति सबका खंडन किया गया है। ये है असली सनदेेेशश 🙏🙏🙏🙏

गीता सार-अध्याय -5 -कर्मसन्यासयोग

             गीता सार- अध्याय -5 -कर्मसन्यासयोग श्लोक (1-28 )भावार्थ गीतासार-अध्याय 5-कर्मसन्यास योग 1-अर्जुन पूछते है-है कृष्ण आप कर्मो का त्याग करने को कहते है और फिर कर्मयोगी की प्रशंसा करते है।इन दोनों में क्या निश्चित कल्याणकारी है? 2-श्री कृष्ण कहते है-सन्यास और कर्मयोग दोनों कल्याणकारी है।परन्तु दोनों में कर्मयोग श्रेष्ठ है। 3-जो मनुष्य किसी से द्वेष नही करता ना आकांशा करता है वही कर्मयोगी एक असली सन्यासी भी है।और द्वंदों से मुक्त मनुष्य सुखपूर्वक संसार के बंधनों से मुक्त हो जाता है। 4-नामसझ लोग सांख्ययोग और कर्मयोग को अलग अलग फल देने वाला कहते है।परंतु इनमें से किसी एक साधन में अच्छी तरह स्थित मनुष्य परमात्मा को पा लेता है। 5-दोनों साधनों से परमात्मा तत्व की प्राप्ति होती है,जो मनुष्य दोनों को समान फलदायक देखता है वही सही है। 6-परन्तु हे अर्जुन-कर्मयोग के बिना संख्या योग सिद्ध होना कठिन है।मननशील कर्मयोगी शीघ्र ही ब्रह्म को प्राप्त हो जाते है। 7-जिसकी इन्द्रिय वश में है,अंतः करण निर्मल है,शरीर वश में है,जो सभी प्राणियों की आत्मा को अपनी आत्मा म...