content=keywords=think different,child specialist doctor,dr ravikant Nirankari,pediatrician,child health,newborn care tips,breastfeeding tips,newborn care,doctoraof2020,ramcharit manas,short stories,bhagwad geeta,poem " Think different Skip to main content

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Showing posts from January, 2023

शेयर मार्केट टिप्स 2024

                        शेयर मार्केट टिप्स 2024 1- शेयर खरीदने या बेचने की जल्दीबाजी कभी ना करे ,जो शेयर आप खरीदने का सोच रहे है उसका कम से कम अगले एक महीने तक का पैटर्न देखे और इस टाइम में उस कंपनी की जानकारी ले,उसके बिजनेस के बारे में पढ़ें। 2-कम से कम 1 साल तक ओवर आल मार्किट को समझे उसके बाद खुद से शुरू करे,पिछले सालों के उतार चढ़ाव की क्या वजह रही उनको ध्यान में रखें। 3-शुरुआत में 8-10  स्टॉक्स सलेक्ट करे और उनको 1 साल तक ट्रेक करे। देखे की कब कहां आप एंट्री करते तो क्या हो सकता था। 4-मार्किट कभी भी एक दिशा में नही जायेगा।कभी ऊपर कभी नीचे ये ऐसे ही चलता है।इसलिए कभी घबरा कर बेचे नही और जल्दीबाजी में खरीदे नही। 5-कम से कम 2-3 बढ़िया you tube चैनल को फोलो करे।जो स्टॉक्स की डेली अपडेट देते हो,ज्यादा नही करने है नही तो कंफ्यूज हो सकते हों। 6-कम से कम 5 साल का मिनिमम टाइम लेकर ही मार्किट में एंटर करे।ज्यादा जल्दी ज्यादा कमाने के चक्कर मे ना रहे। 7-शुरुआत में म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते है।जिस भी फंड में आप इन्वेस्ट क...

मकर संक्रांति 2023 शुभकामना सन्देश

              मकर संक्रांति 2023 शुभकामना सन्देश 1-भास्करस्य यथा तेजो मकरस्थस्य वर्धते । तथैव भवतां तेजो वर्धतामिति कामये ॥ वाताटः वायुरज्जुभ्याम् आकाशं प्रति गच्छति। जीवात्मा गुरुवृत्तिभ्याम् ऊर्ध्वं गच्छत्यसंशयम्॥ तिलवत्स्नेहमादस्व गुडवन्मधुरं वद। जैसे मकरराशी में सूर्य का तेज बढता है, उसी तरह आपके स्वास्थ्य और समृद्धि की हम कामना करते हैं। जिस प्रकार एक पतंग हवा और रस्सी के सहारे आकाश में जाती है, उसी प्रकार गुरु और आचरण के द्वारा आत्मा भी अवश्य ही ऊपर उठती है। जैसे तिल में तेल भरा हुआ है वैसे अपने आप को प्रेम से भर कर, गुड़ की तरह मीठा बोलें। शुभ मकर संक्रांति  14/15 जनवरी -2023 2- साल भर मोबाइल चलाकर झुकी हुई गर्दन को सीधा करके पतंग उड़ाने का अवसर देने वाले त्यौहार  मकर संक्रांति की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. 💐 3-This year Makar Sankranti is on Sunday ,the 15th of January. Why is it not on the 14th? What has changed the date or pushed it forward to the next day?  We need to know a minor time calculation process to understand why it...

बच्चों से मोबाइल की आदत कैसे छुड़ाए

            बच्चों से मोबाइल की आदत कैसे छुड़ाए बच्चों को मोबाइल देखने के आदत कम करने के लिए माता पिता को स्वयम प्रयास करने चहिये। अध्ययन में ये पता चलता है कि आज हर 5 में से 4 बच्चे मोबाइल देखते है।और मोबाइल स्क्रीन से पहली बार बच्चा केवल 2 -10 महीने की उम्र में रूबरू हो जाते है। जो कि माता पिता स्वयम करते है। 5 साल से कम उम्र के बच्चे लगभग रोज 1-4 घण्टे मोबाइल देखते है और किशोरावस्था के बच्चे रोज 6-8 घण्टे मोबाइल देखते है। लगभग 98% बच्चे सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते है। जिसके अनेको दुष्परिणाम हो सकते है। जैसे नींद में बाधा आना। नजर कमजोर होना। बच्चे का अधिक उग्र स्वभाव का हो जाना। चालिये बात करते है कितना समय बच्चे मोबाइल स्क्रीन देख सकते है। 2 साल से कम उम्र के बच्चे को मोबाइल स्क्रीन नही दिखाना चाइये। 5 साल तक के बच्चे को एक दिन में 1 घण्टे से ज्यादा मोबाइल स्क्रीन नही देखना चहिये। और 10 साल तक के बच्चे को एक दिन में 2 घण्टे से कम समय ही मोबाइल स्क्रीन देखना चाहिये। इस विषय मे अधिक जानकारी के लिए वीडियो लिंक पर क्लिक करके ।

रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाइयां/ संकलन -अयोध्याकांड

  रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाइयां/दोहा/सोरठा/छंद/ एवम एक लाइन की उक्तियों का संकलन।   भाग-2 सभी पाठकों को सप्रेम और सम्मान सहित एक लघु भेंट। (पाठकों की सुविधा के लिए दोहा क्रम नंबर साथ मे दिया गया है।जिसके द्वारा पाठक मुख्य पुस्तक से उस प्रसंग की सम्पूर्ण चौपाइयां या दोहे खोज सकते है।)                                भाग-2               ।।अयोध्याकांड।। दोहा-2 क्रमशः जे गुर चरन रेनु सिर धरहिं।ते जनु सकल बिभव बस करहिं।। मोहि सम यहु अनुभअउ न दूजे।सबु पायउँ रज पावनि पूजें।। दोहा -24 क्रमशः सुरपति बसइ बाहं बल जाकें।नरपति सकल रहहिं रुख ताके। सो सुनि तिय रिस गयउ सुखाई।देखहु काम प्रताप बड़ाई।। दोहा-27 क्रमशः रघुकुल रीति सदा चलि आई।प्रान जाहूं बरु बचनु न जाई।। दोहा-46 क्रमशः सत्य कहहिं कबि नारि सुभाऊ।सब बिधि अगहु अगाध दुराऊ।। निज प्रतिबिंबु बरकु गहि जाई। जानि न जाई नारि गति भाई।। दोहा-54 क्रमशः तात जाऊं बलि कीन्हेहु निका। पितु आयुस सब धरमक टिका।। दोहा-60 क्रमशः एहि ते...

सम्पूर्ण अवतार वाणी के प्रचलित शब्द

                                  ।।सम्पूर्ण अवतार वाणी ।।।        ।। प्रचलित मुख्य शब्दो का संकलन शब्द संख्या सहित ।। सभी पाठकों को सप्रेम और सम्मान सहित एक लघु भेंट। पाठकों की सुविधा के लिए शब्द क्रम नंबर साथ मे दिया गया है।जिसके द्वारा पाठक मुख्य पुस्तक से उस शबद को खोज सकते है। कैसे गाऊ तेरी महिमा शब्द कोष में शब्द नही । लेकिन तेरे दया कोष ,में क्या है  जो उपलब्ध नही। है प्रतिपालक ,कृपा के  सिंधु ,विश्व -रचियता दीनानाथ ।  मैं लघुबुद्धि ,अल्पमति हु ,शीश पे रखो अपना हाथ। हर  घट के हरी अंतर्यामी ,कोटि कोटि परनाम तुम्हे। शब्द और शब्द के स्वामीं  कोटि कोटि परनाम तुम्हे। २-सद्गुरु  सच्चा बूटा तू है दशमद्वार  है तेरा देश। कहे अवतार गुरु ने दी है अपनी बोली अपना वेश।। 3-सत्य डगरिया सच की पूंजी सच्चे का में करू व्यापार।  यह सत्य ही सत्य है केवल घट -घट बैठा जो निरंकार ।।  बूटा सिंह ने सच बताया करके किरपा अपरम्पार ।  अवतार गुरु के चरणों पर मे...

रामचरितमानस चौपाई बालकांड hindi

रामचरितमानस चौपाई बालकांड hindi   रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाइयां/दोहा/सोरठा/छंद/ एवम एक लाइन की उक्तियों का संकलन।      सभी पाठकों को सप्रेम और सम्मान सहित एक लघु भेंट। (पाठकों की सुविधा के लिए दोहा क्रम नंबर साथ मे दिया गया है।जिसके द्वारा पाठक मुख्य पुस्तक से उस प्रसंग की सम्पूर्ण चौपाइयां या दोहे खोज सकते है।)                     (भाग-1)                ।। बालकांड ।। बन्दउँ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि। महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर ।। ( सो . 5) बन्दउँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।। अमिय मूरिमय चूरन चारु। समन सकल भव रुज परिवारु।। (दोहा-1 ) सुजन समाज सकल गुन खानी। करउँ प्रनाम सप्रेम सुबानी।। साधु चरित सुभ चरि कपासु। निरस बिसद गुनमय फल जासु।। मुद मंगलमय सन्त समाजु। जो जग जंगम तीरथराजु।। दोहा-2 बिनु सत्संग बिबेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।। सतसंगत मुद मंगल मूला। सोई फल सीधि सब साधन फूला।। बिधि हरि हर कबि कोबिद बानी। कहत साधु महिमा सकुचानी।। ...

सर्दी की हास्य क्षणिकाये

 *सर्दी की हास्य क्षणिकाये* जाड़ा जब बढ़ने लगे , कर लीजिए कछु उपाय। नाना बहाना बनाये के, नहाना ना कर पाएं । कहिए कल ही नहाए थे, आज नहाए काहे। कल के कपड़े सूखे नही , आज भिगोहु नाहे। आज देर से आंख खुली , काम को देर हुई जाए । नाहन का ये समय नही , अब कल देखा जाए । रोज-रोज नहाने से, मन से अभिमानी होए । आज त्याग स्न्नान करके, मन निर्मल करे सुहाए । कल देर से नहाए थे हम भाई, फिर से कहते तन साफ करो । आज नहाना नही करूँगा , भाई मुझे तुम माफ करो । जिसको लगे शीतल जल प्यारा, जाए वो डुबकी गंगा में लगाय । पर उपदेश स्नान का देकर, हमरी ना दुविधा को बढ़ाय । कहे कबि रवि रोज ही, दुबक के कहि छुप जाओ। जिस दिन तेज़ दिखे गर्मी का, बस उस दिन तुम नहाओ। For video click below.. 🤓💫😇😀😎 https://doctorof2020.blogspot.com/2022/12/blog-post.html