बेलनास्त्र अति उत्तम,
करे मार ये झटपट ।।
दे प्रियवर की कमर में,
करे वो जब भी खटपट।।
पति चाल जब हो अटपटी,
माने ना लाड़ दुलार ।।
तब-तब पत्नी गुर्राती,
फेंके बेलन बारम्बार।।
लगे निशाना पत्नी हंसे,
चुके तो पति मुस्काये ।।
कहे रवि कविता ये सबको,
बेलन दोनों के काम आये।।
बोलिये बेलन महाराज की जय।।।।
🫣🫣😅😅
नोट-दोस्तो के साथ गपशप पर आधारित।।
इसमें कवि का व्यक्तिगत अनुभव नगण्य है।।
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