*डॉक्टर और मरीज*
स्वस्थ समाज के निर्माण में आम आदमी क्या योगदान कर सकता है!
DOCTOR AND PATIENTS MUTUAL TRUST
डॉक्टर किसी भी समाज और देश के स्वास्थ निर्माण में सबसे जरुरी व्यक्ति होता है ,आम आदमी को कई बार स्वस्थ सम्बन्धी बहुत सारी जानकारी न होने की वजह से बहुत सी स्वस्थ समस्याओ का सामना करना पड़ता है कई बार गलत जगह इलाज करवाने से बीमारी बढ़ भी जाती है कई बार बीमारी ऐसी होती है की सबसे अच्छा डॉक्टर भी बेबस हो जाता है; ऐसे में एक मरीज को और समाज को किन बातो का ख्याल रखना चाहिए ,इन्ही सब बातो को विस्तार से यहाँ बताने की कोशिश की गयी है। कृपा ध्यान से पढ़े और समझे और लोगो को जागरूक करे।
1-एलोपैथी चिकित्सा के लिये MBBS/MD/MS/DM की डिग्री आवश्यक है।। जिसके लिये डॉक्टर
12-15 साल कठिन पढाई करता है और सैकडों कठिन परीक्षाए पास करता है।
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POSITIVE COUNSELLING OF PATIENTS RELATIVE IS VERY IMPORTANT FORBEST TREATMENT |
*मरीज के परिवार,दोस्तों और समाज को निम्न बातो का ख्याल रखना चाहिए !*
1-एलोपैथी चिकित्सा के लिये MBBS/MD/MS/DM की डिग्री आवश्यक है।। जिसके लिये डॉक्टर
12-15 साल कठिन पढाई करता है और सैकडों कठिन परीक्षाए पास करता है।
इसलिये इलाज़ से पहलें पता करे की आपका डॉक्टर क्या डिग्री वाला है! वो किस प्रकार की बिमारियो का विशेषज्ञ है।
इस प्रकार आप गलत लोगो से इलाज़ करवाने से बच सकते है।
2-कोई भी डॉक्टर मरीज के इलाज़ की सभी सम्भव कोशिश करता है।और रात दिन मरीज की देखभाल करता है! जहा बाकी सभी लोग एक दिन मे सिमित समय के लिये कांम करते है, वहीं डॉक्टर रात दिन 24घन्टे मरीजो के लिये उप्लब्ध रह्ता है।डॉक्टर खुद के आराम की परवाह नही करता है मरीज को देखने आधी रात भी पहुच जाता है।।
इस प्रकार आप गलत लोगो से इलाज़ करवाने से बच सकते है।
2-कोई भी डॉक्टर मरीज के इलाज़ की सभी सम्भव कोशिश करता है।और रात दिन मरीज की देखभाल करता है! जहा बाकी सभी लोग एक दिन मे सिमित समय के लिये कांम करते है, वहीं डॉक्टर रात दिन 24घन्टे मरीजो के लिये उप्लब्ध रह्ता है।डॉक्टर खुद के आराम की परवाह नही करता है मरीज को देखने आधी रात भी पहुच जाता है।।
डॉक्टर और डॉक्टर के परिवार वालो के त्याग की कद्र करें । डॉक्टर की कठिन मेहनत की कद्र करे।
3-कुछ बिमारिया आसानी से ठीक हो जाती है। कुछ गम्भीर बिमारिया ठीक होने मे ज्यादा समय लेती है ऐसे समय सब्र और संयम से कांम ले।
3-कुछ बिमारिया आसानी से ठीक हो जाती है। कुछ गम्भीर बिमारिया ठीक होने मे ज्यादा समय लेती है ऐसे समय सब्र और संयम से कांम ले।
4-सभी इन्सानो के रहन -सहन खान्ं -पान्ं और जीवन -शैली और उम्र अलग- अलग होती है इसलिये एक ही बिमारी अलग -अलग इन्सानो मे अलग- अलग तरह से सामने आती है। इसलिये अपनी बिमारी की कभी किसी दुसरे की बिमारी से तुलना ना करे।कोई जल्दी ठीक हो जाता है किसी किसी मरीज ठीक होने मे ज्यादा समय लेता है ।ऐसे समय में आप संयम रखे और इलाज बीच में न छोड़े !
5-सभी डॉक्टर अपने ज्ञान और अनुभव के हिसाब से मरीज का इलाज़ करते है।।लेकिन यदि आप फिर भी सन्तुष्ट नही है तो उसी स्पेशिएलिटी के किसी अन्य डॉक्टर की सलाह ले सकते है।।लेकिन इंटरनेट और झोलाछाप और अन्य लोगो की सलाह से स्वय इलाज़ मे परिवर्तन ना करे।।
इससे अपका नुक्सान हो सकता है।
इससे अपका नुक्सान हो सकता है।
6-कई बार देखने को मिलता है की, गली -मुहल्लो के कम समझ वाले लोग भी गम्भीर मरिजो का इलाज़ कर रहे होते है।।
वो भी अपसे धन लेते है ,बेहतर होगा यदि वही धन आप सही जगह्र सही डॉक्टर से इलाज़ मे खर्च करे।ताकी समय से सही इलाज़ हो और मरीज की बिमारी ज्यादा जटिल हालत मे ना पहुचे।
वो भी अपसे धन लेते है ,बेहतर होगा यदि वही धन आप सही जगह्र सही डॉक्टर से इलाज़ मे खर्च करे।ताकी समय से सही इलाज़ हो और मरीज की बिमारी ज्यादा जटिल हालत मे ना पहुचे।
7-गम्भीर हालत के मरीज जैसे की
गम्भीर ऐक्सीडेंट ,दिल का दौरा ,दिमाग की नस फट जाना।
प्रसव के दौरान ज्यादा खून्ं बह जाना
दिमाग का दौरा पडना। आदी के इलाज़ मे जटिलता आना आम बात है।।इसमे मरीज की जान भी जा सकती है।
अत इस प्रकार के केस मे इश्वर के विधान को स्वीकार करना सिखे।
किसी का शरीर अजर- अमर नही होता है।
यदि स्वयं डॉक्टर को भी ये बिमारी हो जाये तो उसकी जान जाने का भी उतना ही खतरा होता है जितना एक आम मरीज को।।
फिल्मो और टीवी नाटकों के मनघडन्त किस्सों से प्रभावित होकर डॉक्टर के साथ बहस या बदसलूकी करने से आम आदमी का ही नुक्सान होता है.क्यूंकि ऐसे व्यवहार के डर से डॉक्टर कई बार गंभीर रोगियों का इलाज ही करने से मन कर देता है और फिर मरीज को बड़े हॉस्पिटल या हायर सेण्टर पर अधिक खर्चे में इलाज करवाना पड़ता है.
**इसलिये ईश्वर के विधान मे डॉक्टर की गलती निकलने की ना सोचे ।।डॉक्टर हमेशा मरीज की जान ही बचाने की कोशिश करता है।**
8-यदि जीवंन और मौत केवल डॉक्टर के हाथ मे होती तो किसी डॉक्टर की किसी बिमारी से कभी मौत नही होती।परंतु आम अदमी की तरह डॉक्टर भी एक आम इन्सान ही होता है।
गम्भीर ऐक्सीडेंट ,दिल का दौरा ,दिमाग की नस फट जाना।
प्रसव के दौरान ज्यादा खून्ं बह जाना
दिमाग का दौरा पडना। आदी के इलाज़ मे जटिलता आना आम बात है।।इसमे मरीज की जान भी जा सकती है।
अत इस प्रकार के केस मे इश्वर के विधान को स्वीकार करना सिखे।
किसी का शरीर अजर- अमर नही होता है।
यदि स्वयं डॉक्टर को भी ये बिमारी हो जाये तो उसकी जान जाने का भी उतना ही खतरा होता है जितना एक आम मरीज को।।
फिल्मो और टीवी नाटकों के मनघडन्त किस्सों से प्रभावित होकर डॉक्टर के साथ बहस या बदसलूकी करने से आम आदमी का ही नुक्सान होता है.क्यूंकि ऐसे व्यवहार के डर से डॉक्टर कई बार गंभीर रोगियों का इलाज ही करने से मन कर देता है और फिर मरीज को बड़े हॉस्पिटल या हायर सेण्टर पर अधिक खर्चे में इलाज करवाना पड़ता है.
**इसलिये ईश्वर के विधान मे डॉक्टर की गलती निकलने की ना सोचे ।।डॉक्टर हमेशा मरीज की जान ही बचाने की कोशिश करता है।**
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THANK YOU, DOCTOR, FOR HELPING ME. NOW I AM FEELING RELAXED |
8-यदि जीवंन और मौत केवल डॉक्टर के हाथ मे होती तो किसी डॉक्टर की किसी बिमारी से कभी मौत नही होती।परंतु आम अदमी की तरह डॉक्टर भी एक आम इन्सान ही होता है।
उसकी मेहनत की और 24 घन्टे मरीज के लिये उप्लब्ध रहने की सराहना करना सीखें ।
9-आज के महंगाई के समय मे हर चीज़ महंगी हो गयी है।इसलिये दवाई और इलाज़ भी महंगा होता जा रहा है।
9-आज के महंगाई के समय मे हर चीज़ महंगी हो गयी है।इसलिये दवाई और इलाज़ भी महंगा होता जा रहा है।
इसलिये स्वस्थ्य बीमा जरुर करवाये ताकि जरूरत पड़ने पर आप अच्छे हॉस्पिटल में सभी सुविधाओं को लाभ आसानी से ले सके और आपकी सेविंग्स पर भी कुछ असर न पड़े और न ही आपको किसी से रूपये मांगने पड़े.
10-डॉक्टर को एक क्लिनिक या हॉस्पिटल चलाने के लिये कही से कुछ भी फ़्री मे नही मिलता है ना समाज से ना सरकार से।।ऐसे मे डॉक्टर फ़्री मे इलाज़ किस तरह कर सकता है।ये सोचिये????
10-डॉक्टर को एक क्लिनिक या हॉस्पिटल चलाने के लिये कही से कुछ भी फ़्री मे नही मिलता है ना समाज से ना सरकार से।।ऐसे मे डॉक्टर फ़्री मे इलाज़ किस तरह कर सकता है।ये सोचिये????
लेकिन फिर भी बहुत सारे डॉक्टर फ्री में मरीज भी देखते है; और मरीजों के बहुत से काम फ्री में भी करते है ताकि समाज के गरीब लोगो को परेशान न होना पड़े।
11-आप स्वयं अपने शरीर का ध्यान रखना सीखें ताकी बिमारी बिलकुल कम से कम हो।
साफ -सफाई से रहे।
नियमित व्यायाम या योगा करे।
साफ खाना और पानी का इस्तेमाल करे।
पर्यावरण साफ रखे।
सडक नियमो का पालन करे।
बच्चो का जरुरी टीकाकरण समय से करवाये।
वजन को कण्ट्रोल मे रखे।
स्वस्थ जीवन शैली अपनाये।
स्वास्थ बीमा जरुर करवाये।
और निरोगी काया का सुख लेँ । to read more on the same topic click here-Cut short the treatment cost
नियमित व्यायाम या योगा करे।
साफ खाना और पानी का इस्तेमाल करे।
पर्यावरण साफ रखे।
सडक नियमो का पालन करे।
बच्चो का जरुरी टीकाकरण समय से करवाये।
वजन को कण्ट्रोल मे रखे।
स्वस्थ जीवन शैली अपनाये।
स्वास्थ बीमा जरुर करवाये।
और निरोगी काया का सुख लेँ । to read more on the same topic click here-Cut short the treatment cost
🙏 अपने डॉक्टर का सहयोग करे और स्वस्थ समाज का निर्माण करे।।
धन्यवाद ।
Good one
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