content=keywords=think different,child specialist doctor,dr ravikant Nirankari,pediatrician,child health,newborn care tips,breastfeeding tips,newborn care,doctoraof2020,ramcharit manas,short stories,bhagwad geeta,poem " कोरोना वायरस, तथ्य जिन्हें आपको जानना चाहिए Skip to main content

कोरोना वायरस, तथ्य जिन्हें आपको जानना चाहिए

कोरोना वायरस

तथ्य जिन्हें आपको जानना चाहिए।


कोरोना वायरस ,तथ्य जिन्हें आपको जानना चाहिए।
 कोरोना वायरस 

पूरी दुनिया मे आजकल लोगों में सबसे अधिक चर्चा किया जाने वाला वायरस कोरोनावायरस है। भारत मे अलग अलग शहरों में अभी तक पांच व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए है।
भारत सरकार ने आम जनता की सहायता के एवं जानकारी के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए है जो इस प्रकार है।
+91-11-23978046
इसके अतिरिक्त ncov2019@gmail. com से भी किसी भी प्रकार की जानकारी email द्वारा ली जा सकती है।भारत सरकार ने सभी एयरपोर्ट्स पर प्रभावित देशो से आने वाले सभी यात्रिओ की जांच अनिवार्य कर दी है।

कोरोना वायरस पहली बार सन 1960 में आम सर्दी खांसी के रोगियों के नाक से खोजा गया था; कोरोना एक लैटिन शब्द है, इस वायरस को इसकी सतह के बनावट के कारण यह नाम  दिया गया था जो एक शाही मुकुट या सौर कोरोना के जैसा दिखता है।
पूरी दुनिया मे अभीतक लगभग 90000 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है।जिनमे से 90 प्रतिशत रोगी केवल चीन में है।
अभी तक लगभग 2900 लोगों की इस वायरस के इन्फेक्शन से मृत्यु हुई है।
कोरोना वायरस निडोविरलेस के क्रम में परिवार कोरोनाविरिडे में उपपरिवार कोरोना विरिना से संबंधित हैं।






ज्ञात कोरोना वायरस के विभिन्न  प्रकारो में से  सात प्रकार  के कोरोना वायरस मनुष्यों को संक्रमित करते हैं।सभी सात प्रकार के कोरोना वायरस में से SARS कोरोना वायरस (SARS-CoV), मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी  सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS-CoV) के अतिरिक्त वुहान  कोरोना (COVid 2019) वायरस  इंसानो को अधिक संक्रमित कर सकता है।

कोरोना वायरस  स्तनधारियों और पक्षियों में बीमारियों का कारण बनता है। गायों और सूअरों में दस्त, मुर्गियों में ऊपरी श्वसन रोग हो सकता है। लेकिन मनुष्यो में संभावित घातक परन्तु  दुर्लभ, श्वसन संक्रमण हो सकता  हैं, हालांकि ये अक्सर हल्के संक्रमण होते हैं और 99  प्रतशित रोगी पूर्णता स्वस्थ हो जाते है ।

31 दिसंबर, 2019 को, चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का यह नया प्रकार सामने  आया था । यह संदेह है कि यह  या तो सांप से या चमगादड़ों से उत्पन्न हुआ है। इसकी संरचना  बैट कोरोना वायरस से काफी अधिक मिलती जुलती है । सांप अक्सर जंगली चमगादड़ों का शिकार करते हैं।  और वुहान में समुद्री भोजन  के बाजार में सांपों को स्वतंत्र रूप से बेचा जाता है। कोरोनावायरस शायद चमगादड़ों से सांप में  और सांप का कच्चा मांस खाने से इंसानों में पंहुचा है ।


कोरोना वायरस कैसे फैलता है

यह एक लार्ज ड्रॉपलेट संक्रमण है जो कि 400-500नैनोमीटर के साइज का हो सकता है  और एरोसोल और फोमाइट्स द्वारा फैलता है।



 यह ऊपरी वायुमार्ग की तुलना में फेफड़ो को इंट्रापल्मोनरी  कोशिकाओं को अधिक संक्रमित करता है। यह उसी सेलुलर रिसेप्टर का उपयोग SARS-CoV के रूप में करता है जो (मानव एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम -2) hACE2 रिसेप्टर है।


कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण


कोरोना वायरस मुख्य रूप से स्तनधारियों और पक्षियों के ऊपरी श्वसन और जठरांत्र संबंधी मार्ग को संक्रमित करता है। कोरोना वायरस खेती के जानवरों और पालतू जानवरों में बीमारियों का कारण बनता है।

कोरोना वायरस मनुष्यों में मुख्य रूप से सर्दियों और शुरुआती वसंत ऋतुओं में फैलता है।अधिक तापमान 30 डिग्री के उपर यह वायरस निष्क्रिय हो जाता है
मनुष्यों में इस वायरस से संक्रमण की शुरुआत से  लेकर  गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती  करने तक के  लिए  औसतन समय वुहान कोरोनावायरस में 7 दिन पाया गया है ।
कोरोना वायरस सामान्य जुकाम  जैसे लक्षण  से शुरू होता है जैसे की  बुखार,गले का सूखापन, गले में दर्द, सूजन वाले एडेनोइड्स, नाक का बहना , गले में खराश, खांसी, सिरदर्द आदि।
कमजोर प्रतिरक्षा (इम्युनिटी ) के लोगों में जैसे की  बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और बच्चो को निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर बीमारी होती है।इस वायरस से संक्रमित लोगों की औसत आयु 40 वर्ष के आसपास  है। कोरोनवायरस से निमोनिया हो सकता है, या तो सीधे वायरल निमोनिया हो सकता है या फिर
बैक्टीरियल निमोनिया और ब्रोंकाइटिस हो सकता है।जो गंभीर अवस्था में मृत्यु का कारण बन सकता है।


वुहान कोरोनोविस MERS और SARS की तुलना में कम हानिकारक है।इस वायरस का मोर्टेलिटी रेट काफी कम है। यह संक्रमित पशु के साथ मानव संपर्क से फैलता है, मनुष्य से  मनुष्य में संक्रमण की काफी संभावना अधिक होती  है, सार्स और मेर्स ज्यादातर अस्पतालों में संक्रमित व्यक्तियो से अधिक फैले हैं लेकिन वुहान कोरोना वायरस के मामले में पुष्टि नहीं हैं की  इसे सबसे अधिक कौन प्रसारित कर रहा है, अस्पताल या  संक्रमित व्यक्तियों का समुदाय।







कोरोना वायरस के संक्रमण का उपचार

तरल पदार्थ का सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए।शरीर मे पानी का स्तर बनाए रखने के लिए हल्का गर्म पानी, जूस और तरल आहार का सेवन करें
दर्द के लिए दर्द निवारक गोलियां ले सकते है ।
हर छह घंटे में बुखार के लिए एंटीपायरेक्टिक्स जैसे की पारासिटामोल ले सकते है ।
उचित आराम और एक अच्छा आहार लें। 
दिन में कम से कम 8 घंटे ठीक से सोएं।
कुछ एंटीवायरल ड्रग्स जैसे ओसेल्टामिविर और नेलफिनवीर का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन इन दवाओं के परिणाम अब तक पूरी तरह निश्चित  नहीं हैं।
इसके अतिरिक्त मलेरिया रोधी दवा कलोरोक्विन भी उपयोगी हो सकती है। 

गंभीर रोगियों के लिए, आइसोलेशन वार्ड में अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक है। साँस लेने में कठिनाई होने पर ऑक्सीजन दिया  जाता है और गंभीर निमोनिया में रोगी को वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है।


कोरोना वायरस से कैसे बचे। 


वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन MERS वैक्सीन के लिए एक परीक्षण चल रहा है और अभी भी इसे सार्वजनिक उपयोग के लिए बाजार में आने में कई साल लगेंगे।
संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लोगों को निम्न लिखित सावधानिया अपनानी चाहिए ।

संक्रमित व्यक्ति को छूने से बचें, हाथ मिलाने और गले लगाने और चूमने से बचें। कम से कम 2-3 मीटर की दूरी बनाकर ही संक्रमित व्यक्ति से बात करे।क्योंकि छीकते वक्त वायरस 3 मीटर तक फैल सकता है।मास्क का प्रयोग करना एक अच्छा  उपाय है। N95 मास्क या फिर नार्मल मास्क भी उपयोगी है।
मास्क के प्रकार,इस्तेमाल विधि,और कीमत आदि की पूरी जानकारी

संक्रमित कपडे डिटर्जेंट से अच्छी प्रकार से धोएं।धूप में अच्छी प्रकार से सुखाये।
अपने हाथ से अपना चेहरा न छुए। बार बार हाथ धोने के अतिरिक्त bitadine के पानी से गरारे करने से भी संक्रमण कम किया जा सकता है।
प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करने से बचें।
प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले व्यक्ति के संपर्क से बचें।
छींकने पर मुंह और नाक को ढंकें, सार्वजनिक स्थानों और अस्पतालों में चेहरे और नाक के मास्क का उपयोग करें।
अस्पताल के स्टाफ को एक गाउन और मास्क पहनना चाहिए।
संक्रमण को रोकने के लिए उचित हैंडवॉशिंग आवश्यक है।
यह जानवर के साथ मानव संपर्क से फैलता है, इसलिए पालतू जानवरों और जंगली जानवरों से सावधान रहें।
कच्चा मांस खाने से बचें ।
कच्चे और अधपके समुद्री भोजन को न खाएं।


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